दोस्तों मेरा नाम पूमम है .मैं अप्पने मम्मी पापा और एक बड़े भाई साथ सौरभ नगर कोलीनी में रहती हूँ.मेरा फ्लैट तीइसरी मंजिल पर एक्कदम कोने पर है.दो साल पहिली ही मेरी कालोनी बनी थी.और मुख्य शहर से बहुत है दूर है। दो साल पाहिले यहाँ जंगल और खेत थे.आज तक कालोनी को जाने के लिए पका रोड नहींबन पाया है, इसी लिए रात के दस बजे तक चारों तरफ कोई आदमी दिखाई नहीं देता है.फिर कालोनी के बहुत से फ्लैट खाली पड़े हैं.मेरे पापा रेलवे में गार्ड हैं और तीन दिन के बाद वापस घर आते हैं.मेरा बड़ा भाई नरेश एम् कामकर रहा है उसकी शादी तय होचुकी है.मैं २० साल की हो चुकी हूँ .इस लिए मम्मी अगले साल मेरी भी शादी करवाना चाहती हैं.और शादी के लिए जेवर और रुपया अपने लोकर में जमा करती रहती हैं.मेरी कालोनी में अक्सर लाईट चली जाती है.इसलिए कालोनी के लोग रात में घर में ही रहते हैं।
यह इसी साल के दिसंबर की बाथे.में अपनी मम्मी के साथ उनके कमरे में थी.मेरा भाई पढ़ कर अपने कमरे में सो गया था.तभी अचानक लाईट चली गयी.रात के करीब ग्यारह बज चुके थे। तभी मम्मी को जीने पर किसी के पैरों की और बात करने की आवाज सुनाई दी.माननी ने मझे खिड़की से बाहर देखने को कहा.मुझे कोई भी दिखाई नहीं दिया.तभी किसी ने घर के दरवाजे पर जोर से दस्तक दी .मुझे लगा शायद पापा जल्दी घर आगये हैं और उनकी गाड़ी लेट हो गयी है .मैं दरवाजा खोल ही रही थी की देखें कौन है.जैसे ही मैं ने दरवाजा खोला तीन लोग दन्न से मम्मी के कमरे में घुस गयी.मम्मी मामला समझती की एक आदमी ने मम्मी के गाल पर जोर का चांटा मार दिया.मैं घबरा कर छत की सीढियों के नीचे छुप गयी .कमरे में होनेवाली घटना चुपचाप देखने लगी.तभी लाईट फिर से आगयी थी.मैं ने देखा तीनों लुटेरों की आयु लगभग २५ ३० साल बे बीच की थी.एक ने मम्मी के गले पर चाकू रखा तो मम्मी ने पूछा तुम लोग कौन हो और क्या चाहते हो.वह बोला मादरचोद देखती नहीं हम कौन हैं बड़ी भोली बनती है.हमें पता है तुने काफी माल जमा कर रखा है .ला साली लाकर की चाबी दे .और सारा माल हमारे हवाले कर दे.वरना तुझे यहीं काट कर रख देंगे.दर के मारे मम्मी ने सारे जेवर और रुपया उनको दे दिया.मम्मी रोने लगी तो एक ने दोबार मम्मी को ऐसा जोर का चांटा है ,मुझे छोड़ नहीं है नहीं मारा की वह पलंग पर गिर गई.और हाथ जोड़ कर बोलीं की अब मेरे पास कुछ नहीं है मुझे छोड़ दो.चाकू वाले ने दूसरे लुटेरे से कहा बल्लू मकान की ठीक से तलाशी ले.और उसने मम्मी के सारे कपडे उतार दिए.शर्म के मारे मम्मी ने अपनी चूत पर हाथ रखना चाहा तो चाकू वाले ने हाथ हटा दिया.वह बोला साली कहीं चूत में कुछ छुपा तो नहीं लिया है.उसने मम्मी की चूत और गांड में अपनी उंगली डाल कर देखा.दोनों लुटेरे घर में सब जगह तलासी लेने लगी तो उन्हें मैं सीढियों के नीचे छुपी हुई मिलागयी .उनमे एक जोर से चिल्लाया,सत्तो माल मिल गया.बड़ा कीमती माल है।
तभी मुझे अचानक समझ अगया की यह लुटेरे कौन थे.जिसे यह लोग सत्तो कह रहे थे मैं उसे जानती .उसका असली नाम सतीश था.वह पाहिले मेरे भाई के साथ पढ़ता था.सतीश को पहचानने के बाद मैं बाक़ी दोनों कोभी जान गयी.जिसे यह लोग बालू कह रहे थे उसका नाम बलदेव था और तीसरा अजीत था। तीनों तीनो अच्छे घर के लडके थे और कोई नौकरी न मिलने के कारण ऐसे काम करने लगी थे।
उन दोनों ने मुझे बाल पकड़ कर सतीश के पास खींच लिया.सतीश बोला हरामजादी जूठ बोलती थी की कुछ नहीं है ,यह माल क्या तेरी चूत से आगया है .आवाज सुन कर मेरा भाई जाग गया.फोरान तीनों ने उसे भी मम्मी के कमरे में घसीट लिया.और उसे मारने लगी.मम्मी बोली तुम लोगों को जो लेना था वह ले चुके अब मेरे लडके को क्यों मार रहे हो.जब मम्मी गुस्से में गाली देने लगी ,तोअजीत बोला रंडी तुझे अपने पर बड़ा प्यार है.इसलिए जबतकतुम अपने इसी लडके से नहीं चुदवायेगी हम उसे नहीं छोड़ेंगे.वरना उसे तेरे सामने ही यहीं काट कर फेक देंगेसतीश ने चाकू दिखा कर नरेश से कहा चल अपनी माँ की चुदाई कर .तुझे आज सचमुच का मादरचोद बनाए देते हैं। उन्होंने नरेश के सारे कपडे उतार दिए और मम्मी के ऊपर चढ़ा दियालेकिन शर्म के मारे नरेश का लंड खडा नहीं हो रहा था.अजीत बोला साले लंड जल्दी तय्यार कर ,नहीं लंड काट कर तेरी माँ की चूत में घुसा देंगे.फिर लंड के बिना तेरी शादी कसे होगी.मामी घबरा गयी,खडा करने के लिए नरेश का लंड चूसने लगी.यह देख मुझे नरेश का लंड बड़ा प्यारा लग रहा था.फिर भी नरेश झिझक रहा था अपना लंड मम्मी की चूत में नहीं घुसा रहा था.यह देख कर मम्मी ने कहा बेटा यह लोग जैसा कहें वैसा करो.आखिर तुम जिस चूत से निक्के हो उसे चोदने में में कैसी शर्म.आजा बेटा जल्दी से लंड अन्दर घुसा दे और अपनी माँ की इज्जत बचाले.इतना सुनते ही नरेश का लंड फनफनाने लगा.न्रेसने एक ही झटके में पूरा लंड मम्मी की चूत में घुसा दिया.और धक्के मारने लगा.मम्मी जोर जोर से ओह ओह उई उई करने लगी .तीनों बोले यार यह माँ बेटे की चुदायी देख कर अपने लंड भी खड़े हो गए हैं.मम्मी को मेरे सामने चुदवाने में कोई शर्म नही आ रही थी.वह तो नरेश के लंड का स्वाद ले रही थी.उसे भी मजा आरहा था.मम्मी को लुटाने का कोई दुःख नहीं था.वह हरेक धक्केपर अपनी कमर उछाल रही थी.जब अजीटने अपना लंड मम्मी के मुंह में दे दिया तो व उसेप्यार से चूसने लगा.मम्मी नरेश से कह रही थी बेटा कितना बड़ा संकट क्यों न हो लंड का मजा लेना चाहिए.फिर तुम तो मरे बेटे हो तुम दोगुनू ताकत से धक्के मारो.तुमने जितना मेरा दूध पीया है उतना ही अपने लंड का रस मेरी चूत में डाल देना। यह देख कर खुद मेरी चूत गीली हो रही थी आदा घंटे तक चुदाई करने के बाद नरेश ने अपना वीर्य मामी की चूत में डाल दिया.वीर्य चूत से बाहर आरहा था.यह देख कर सतीश ने मेरे बाल पकड़ कर मेरा मुंह मम्मी की चूत पर रख दिया और बोला ,साली देखती क्या है ,जल्दी से चूत का सारा रस चाट ले.क्या तझे अपने भाई के लंड का और माँ की चूत का रस पसंद नहीं है.पी ले पी ले.इससे तुजे हमारे लंड झेलने जे लिए ताकत मिल जाए गी.और हमारे लंड लेने में दर्द नहीं होगा। अब तेरी बारी हैपाहिले किसका लंड लेगी.और तीनों में अपने लंड मेरे सामने निका कर दिखाए.सभी लंड काफी बड़े थे .मेरे सनझ में नही आ रहा था की मैं कौन सा लंड लूँ मैं माँ की तरफ देखने लगी.माँ ने बी तीनों लंड देखे और बोली तुम लोग खुद तय करो.लेकिन समझ लो मेरी लड़की ने अभी तक लंड का स्वाद नहीं लिया .अजीत बोला यह तो और अच्छी बात है आपके सामने ही आपकी लड़की की चूत का उदघाटन होगा .आपकी लड़की किस्मतवाली है.एकसाथ तीन लोगों से सुहागरात मना रही है.भविष्य में उसे लंड लेने में कोई तकलीफ नहींहोगी.हम पाहिले सबसे बड़े लंड से चूत की सील तोड़ेंगे.तुम उसे हिम्मत दिलाना.की वह लंड बर्दाश्त कर ले। मम्मी ने मेरी चूत में अपनी जीभ डाल कर उसे चिकनी कर दी ,और बोली बेटा हरेक लड़की को एक न एक दिन लंड लेना पड़ता है.मुझे भी फले दर्द हुआ था ,लेकिन आज मैं हरेक तरह के लंड आराम से ले सकती हूँ.औरत की जिन्दगी तो सिर्फ चुदवाने के लिए होती है.चाहे उसका पति चोदे या कोई और .इसलिए तू आराम से चुदवाले मैं तेरे पास रहूँगी.और तेरी चूत फैलाती रहूँगी ताकि लंड में जगह बनाती रहे। मम्मी के समाजाने प् मैं तैयार हो गयी और टांगें फैला कर पलंग पर लेट गयी.अजित का लंड सबसे बड़ा करीब ११ इंच का था.अजीत ने लंड का सुपारा चूत के छेड़ पर रखा और लंड धीमे धीमे घुसाने लगा.जब आधा लंड अन्दर चला गया तो मम्मी बोली पूनम शाबाश.हिम्मत राखो.अजीत लंड थोड़ा सा बाहर निकऔर एक जोर दार धक्का मारा .लंड चूत को फाड़ते हुए पूरा अन्दर चला काया.मैं जोर से चीलाई मम्मी बचाओ मेरी चूत फट रही है .यह लंड भुत बड़ा है.मम्मी बोली धीरज रखो आगे से छोटे लंड से तुम्हारी चुदायी केंगे.चूत से खून आ रहा था.लेकिन अजीत लगा तार धक्क्के मार रहा था.मम्मी भी अपनी चूत में उंगली कर रही थी.और मजे ले रही थी.नरेश का लंड दोबारा खडा हो गया था.बीस मिनट के बाद मुझे मजा आने लगा.छुट से फचाफाच फच फच की अवा आने लगी। मम्मी बोली पूनम अब तुम चुदवाने के लिए काबिल हो गयी.और मेरी तरह रोज चुदवायाकरोगी। .बाद में दोनों बाक़ी लोगों ने मेरी जम कर चुदाई की .और मामी की दोबारा गांड मारी.सतीश मेरे भाई से बोला तुम भी पूमम की सील टूटी चूत का मजा लेलो ऐसा मौक़ा तो तुम्हे फिर और भी मिलेगा.मम्मी बोली बेटा फिन के आगी अपनी माँ को नहीं भूलना,मुझे भी लंड देते रहना.तुम्हारा जवान लंड है .अब पापा के लंड में मेरी चूत की प्यास बजाने कीताकत नहीं रही,जातेजाते तीनो लुटेरों ने सारे जेवर और रुपये वापस कर दिए और बोले आंटी आपने और पूनम ने बड़ा मजा दिया,जब भी हमारे लद की जरूरत हो याद कर लेना ,अजीत बोला पूनम की चूत बड़ी मस्त है.काश मेरी शादी पूमम से हो जाती। मम्मी ने पूछा बोलो पूनामतुम्हें अजीत का का लंड कैसा लगा,उम अजीत से शादी करोगीई मैं तैयार हो गयी आज मैं अजीत की पत्नी हूँ .और अजीत से रोज चुदती हूँ.बाक़ी लोग भी कभी मुझे और कभी मेरी मम्मी की की चुदायी करने आते रहते हैं। हमारा दहेज़ का खर्चा बच गया.अगर किसी लड़की को दहेज़ का खर्चा बचाना हो तो वह,पाहिले ही अपनी चूत किसी को देदे
यह इसी साल के दिसंबर की बाथे.में अपनी मम्मी के साथ उनके कमरे में थी.मेरा भाई पढ़ कर अपने कमरे में सो गया था.तभी अचानक लाईट चली गयी.रात के करीब ग्यारह बज चुके थे। तभी मम्मी को जीने पर किसी के पैरों की और बात करने की आवाज सुनाई दी.माननी ने मझे खिड़की से बाहर देखने को कहा.मुझे कोई भी दिखाई नहीं दिया.तभी किसी ने घर के दरवाजे पर जोर से दस्तक दी .मुझे लगा शायद पापा जल्दी घर आगये हैं और उनकी गाड़ी लेट हो गयी है .मैं दरवाजा खोल ही रही थी की देखें कौन है.जैसे ही मैं ने दरवाजा खोला तीन लोग दन्न से मम्मी के कमरे में घुस गयी.मम्मी मामला समझती की एक आदमी ने मम्मी के गाल पर जोर का चांटा मार दिया.मैं घबरा कर छत की सीढियों के नीचे छुप गयी .कमरे में होनेवाली घटना चुपचाप देखने लगी.तभी लाईट फिर से आगयी थी.मैं ने देखा तीनों लुटेरों की आयु लगभग २५ ३० साल बे बीच की थी.एक ने मम्मी के गले पर चाकू रखा तो मम्मी ने पूछा तुम लोग कौन हो और क्या चाहते हो.वह बोला मादरचोद देखती नहीं हम कौन हैं बड़ी भोली बनती है.हमें पता है तुने काफी माल जमा कर रखा है .ला साली लाकर की चाबी दे .और सारा माल हमारे हवाले कर दे.वरना तुझे यहीं काट कर रख देंगे.दर के मारे मम्मी ने सारे जेवर और रुपया उनको दे दिया.मम्मी रोने लगी तो एक ने दोबार मम्मी को ऐसा जोर का चांटा है ,मुझे छोड़ नहीं है नहीं मारा की वह पलंग पर गिर गई.और हाथ जोड़ कर बोलीं की अब मेरे पास कुछ नहीं है मुझे छोड़ दो.चाकू वाले ने दूसरे लुटेरे से कहा बल्लू मकान की ठीक से तलाशी ले.और उसने मम्मी के सारे कपडे उतार दिए.शर्म के मारे मम्मी ने अपनी चूत पर हाथ रखना चाहा तो चाकू वाले ने हाथ हटा दिया.वह बोला साली कहीं चूत में कुछ छुपा तो नहीं लिया है.उसने मम्मी की चूत और गांड में अपनी उंगली डाल कर देखा.दोनों लुटेरे घर में सब जगह तलासी लेने लगी तो उन्हें मैं सीढियों के नीचे छुपी हुई मिलागयी .उनमे एक जोर से चिल्लाया,सत्तो माल मिल गया.बड़ा कीमती माल है।
तभी मुझे अचानक समझ अगया की यह लुटेरे कौन थे.जिसे यह लोग सत्तो कह रहे थे मैं उसे जानती .उसका असली नाम सतीश था.वह पाहिले मेरे भाई के साथ पढ़ता था.सतीश को पहचानने के बाद मैं बाक़ी दोनों कोभी जान गयी.जिसे यह लोग बालू कह रहे थे उसका नाम बलदेव था और तीसरा अजीत था। तीनों तीनो अच्छे घर के लडके थे और कोई नौकरी न मिलने के कारण ऐसे काम करने लगी थे।
उन दोनों ने मुझे बाल पकड़ कर सतीश के पास खींच लिया.सतीश बोला हरामजादी जूठ बोलती थी की कुछ नहीं है ,यह माल क्या तेरी चूत से आगया है .आवाज सुन कर मेरा भाई जाग गया.फोरान तीनों ने उसे भी मम्मी के कमरे में घसीट लिया.और उसे मारने लगी.मम्मी बोली तुम लोगों को जो लेना था वह ले चुके अब मेरे लडके को क्यों मार रहे हो.जब मम्मी गुस्से में गाली देने लगी ,तोअजीत बोला रंडी तुझे अपने पर बड़ा प्यार है.इसलिए जबतकतुम अपने इसी लडके से नहीं चुदवायेगी हम उसे नहीं छोड़ेंगे.वरना उसे तेरे सामने ही यहीं काट कर फेक देंगेसतीश ने चाकू दिखा कर नरेश से कहा चल अपनी माँ की चुदाई कर .तुझे आज सचमुच का मादरचोद बनाए देते हैं। उन्होंने नरेश के सारे कपडे उतार दिए और मम्मी के ऊपर चढ़ा दियालेकिन शर्म के मारे नरेश का लंड खडा नहीं हो रहा था.अजीत बोला साले लंड जल्दी तय्यार कर ,नहीं लंड काट कर तेरी माँ की चूत में घुसा देंगे.फिर लंड के बिना तेरी शादी कसे होगी.मामी घबरा गयी,खडा करने के लिए नरेश का लंड चूसने लगी.यह देख मुझे नरेश का लंड बड़ा प्यारा लग रहा था.फिर भी नरेश झिझक रहा था अपना लंड मम्मी की चूत में नहीं घुसा रहा था.यह देख कर मम्मी ने कहा बेटा यह लोग जैसा कहें वैसा करो.आखिर तुम जिस चूत से निक्के हो उसे चोदने में में कैसी शर्म.आजा बेटा जल्दी से लंड अन्दर घुसा दे और अपनी माँ की इज्जत बचाले.इतना सुनते ही नरेश का लंड फनफनाने लगा.न्रेसने एक ही झटके में पूरा लंड मम्मी की चूत में घुसा दिया.और धक्के मारने लगा.मम्मी जोर जोर से ओह ओह उई उई करने लगी .तीनों बोले यार यह माँ बेटे की चुदायी देख कर अपने लंड भी खड़े हो गए हैं.मम्मी को मेरे सामने चुदवाने में कोई शर्म नही आ रही थी.वह तो नरेश के लंड का स्वाद ले रही थी.उसे भी मजा आरहा था.मम्मी को लुटाने का कोई दुःख नहीं था.वह हरेक धक्केपर अपनी कमर उछाल रही थी.जब अजीटने अपना लंड मम्मी के मुंह में दे दिया तो व उसेप्यार से चूसने लगा.मम्मी नरेश से कह रही थी बेटा कितना बड़ा संकट क्यों न हो लंड का मजा लेना चाहिए.फिर तुम तो मरे बेटे हो तुम दोगुनू ताकत से धक्के मारो.तुमने जितना मेरा दूध पीया है उतना ही अपने लंड का रस मेरी चूत में डाल देना। यह देख कर खुद मेरी चूत गीली हो रही थी आदा घंटे तक चुदाई करने के बाद नरेश ने अपना वीर्य मामी की चूत में डाल दिया.वीर्य चूत से बाहर आरहा था.यह देख कर सतीश ने मेरे बाल पकड़ कर मेरा मुंह मम्मी की चूत पर रख दिया और बोला ,साली देखती क्या है ,जल्दी से चूत का सारा रस चाट ले.क्या तझे अपने भाई के लंड का और माँ की चूत का रस पसंद नहीं है.पी ले पी ले.इससे तुजे हमारे लंड झेलने जे लिए ताकत मिल जाए गी.और हमारे लंड लेने में दर्द नहीं होगा। अब तेरी बारी हैपाहिले किसका लंड लेगी.और तीनों में अपने लंड मेरे सामने निका कर दिखाए.सभी लंड काफी बड़े थे .मेरे सनझ में नही आ रहा था की मैं कौन सा लंड लूँ मैं माँ की तरफ देखने लगी.माँ ने बी तीनों लंड देखे और बोली तुम लोग खुद तय करो.लेकिन समझ लो मेरी लड़की ने अभी तक लंड का स्वाद नहीं लिया .अजीत बोला यह तो और अच्छी बात है आपके सामने ही आपकी लड़की की चूत का उदघाटन होगा .आपकी लड़की किस्मतवाली है.एकसाथ तीन लोगों से सुहागरात मना रही है.भविष्य में उसे लंड लेने में कोई तकलीफ नहींहोगी.हम पाहिले सबसे बड़े लंड से चूत की सील तोड़ेंगे.तुम उसे हिम्मत दिलाना.की वह लंड बर्दाश्त कर ले। मम्मी ने मेरी चूत में अपनी जीभ डाल कर उसे चिकनी कर दी ,और बोली बेटा हरेक लड़की को एक न एक दिन लंड लेना पड़ता है.मुझे भी फले दर्द हुआ था ,लेकिन आज मैं हरेक तरह के लंड आराम से ले सकती हूँ.औरत की जिन्दगी तो सिर्फ चुदवाने के लिए होती है.चाहे उसका पति चोदे या कोई और .इसलिए तू आराम से चुदवाले मैं तेरे पास रहूँगी.और तेरी चूत फैलाती रहूँगी ताकि लंड में जगह बनाती रहे। मम्मी के समाजाने प् मैं तैयार हो गयी और टांगें फैला कर पलंग पर लेट गयी.अजित का लंड सबसे बड़ा करीब ११ इंच का था.अजीत ने लंड का सुपारा चूत के छेड़ पर रखा और लंड धीमे धीमे घुसाने लगा.जब आधा लंड अन्दर चला गया तो मम्मी बोली पूनम शाबाश.हिम्मत राखो.अजीत लंड थोड़ा सा बाहर निकऔर एक जोर दार धक्का मारा .लंड चूत को फाड़ते हुए पूरा अन्दर चला काया.मैं जोर से चीलाई मम्मी बचाओ मेरी चूत फट रही है .यह लंड भुत बड़ा है.मम्मी बोली धीरज रखो आगे से छोटे लंड से तुम्हारी चुदायी केंगे.चूत से खून आ रहा था.लेकिन अजीत लगा तार धक्क्के मार रहा था.मम्मी भी अपनी चूत में उंगली कर रही थी.और मजे ले रही थी.नरेश का लंड दोबारा खडा हो गया था.बीस मिनट के बाद मुझे मजा आने लगा.छुट से फचाफाच फच फच की अवा आने लगी। मम्मी बोली पूनम अब तुम चुदवाने के लिए काबिल हो गयी.और मेरी तरह रोज चुदवायाकरोगी। .बाद में दोनों बाक़ी लोगों ने मेरी जम कर चुदाई की .और मामी की दोबारा गांड मारी.सतीश मेरे भाई से बोला तुम भी पूमम की सील टूटी चूत का मजा लेलो ऐसा मौक़ा तो तुम्हे फिर और भी मिलेगा.मम्मी बोली बेटा फिन के आगी अपनी माँ को नहीं भूलना,मुझे भी लंड देते रहना.तुम्हारा जवान लंड है .अब पापा के लंड में मेरी चूत की प्यास बजाने कीताकत नहीं रही,जातेजाते तीनो लुटेरों ने सारे जेवर और रुपये वापस कर दिए और बोले आंटी आपने और पूनम ने बड़ा मजा दिया,जब भी हमारे लद की जरूरत हो याद कर लेना ,अजीत बोला पूनम की चूत बड़ी मस्त है.काश मेरी शादी पूमम से हो जाती। मम्मी ने पूछा बोलो पूनामतुम्हें अजीत का का लंड कैसा लगा,उम अजीत से शादी करोगीई मैं तैयार हो गयी आज मैं अजीत की पत्नी हूँ .और अजीत से रोज चुदती हूँ.बाक़ी लोग भी कभी मुझे और कभी मेरी मम्मी की की चुदायी करने आते रहते हैं। हमारा दहेज़ का खर्चा बच गया.अगर किसी लड़की को दहेज़ का खर्चा बचाना हो तो वह,पाहिले ही अपनी चूत किसी को देदे
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